Kartik Swami Temple, Description Kartik Swami Trek Visiting
कार्तिक स्वामी मंदिर (Kartik Swami Temple)-
Kartik Swami Temple |
प्रसिद्व हिन्दू मंदिर कार्तिक स्वामी उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जनपद मे क्रोंच पर्वत की चोटी पर स्थित है। यंहा पर भगवान कार्तिकेय का मंदिर स्थित है। यह भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिक का पूजनीय स्थल है। यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। भगवान शिव- पार्वती पुत्र व देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय का यह मंदिर उत्तर भारत का एक मात्र मंदिर है। यंहा से चारो और चौखम्भा पर्वत श्रेणी के दर्शन होते है। रुद्रप्रयाग एवं चमोली जिले के 360 से अधिक गांव ईष्ट देव के रूप मैं पूजे जाते हैं। जगलो से होते हुए खड़ी चढ़ाई के बाद क्रोंच पर्वत मैं भगवान कार्तिक का स्थित सुन्दर मंदिर प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। प्रतिवर्ष माह जून (अषाढ़ माह ) मे बहुत विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाता है। जिसमे दूर-दूर से श्रदालु शामिल होते हैं। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर यंहा देव दीपावली पर्व मानया जाता है।
Location
Google Map- Click Here
State: Uttarakhand
District: Rudraprayag
Famous for/as - Himalayan Mountains, Trekking, Pilgrimage
Languages: Garhwali, Hindi
Best Season: Every Time
Weather: Summer 10-25°C,
Winter: -15 -10°C
Altitude: 3050 m
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State: Uttarakhand
District: Rudraprayag
Famous for/as - Himalayan Mountains, Trekking, Pilgrimage
Languages: Garhwali, Hindi
Best Season: Every Time
Weather: Summer 10-25°C,
Winter: -15 -10°C
Altitude: 3050 m
लोक मान्यता -
लोक मान्यतों के अनुसार - जब गणेश जी एवं कार्तिक जी की शादी के लिए भगवान शिव- पार्वती ने सम्पूर्ण संसार के सात परिक्रमा पूर्ण करने की शर्त रखी थी। जो भी पहले सम्पूर्ण संसार के सात चक्कर पुरे करेगा उसका विवाह पहले किया जायेगा। भगवन कार्तिक अपने वाहन मोर मैं बैठकर ख़ुशी-खुशी संसार के चक्कर लगाने के लिए चल पड़े। गणेश जी इस बात से परेशान थे, की वो अपने वाहन चूहे से सात परिक्रमा कब तक पूर्ण करेंगे। माता पार्वती ने गणेश को शिव- पार्वती यानि की माता-पिता के सात परिक्रमा करने के लिए कहा। क्योकि शिव-पार्वती यानि की माता-पिता मैं ही सम्पूर्ण संसार समाहित है। इस प्रकार गणेश जी ने अपने माता-पिता के सात परिक्रमा पूर्ण कर के शर्त जीत गए। जब कार्तिक को माता पार्वती के इस छल के बारे मे पता चला तो भगवान कार्तिकेय ने अपना मांस एवं खून जो की माता का अंश समझा जाता है, माता पार्वती को सौंप दिया।तथा क्रोंच पर्वत पर शरीर की हड्डी के रूप मैं तपस्या के लिए आ गए थे ।
लोक मान्यतों के अनुसार - जब गणेश जी एवं कार्तिक जी की शादी के लिए भगवान शिव- पार्वती ने सम्पूर्ण संसार के सात परिक्रमा पूर्ण करने की शर्त रखी थी। जो भी पहले सम्पूर्ण संसार के सात चक्कर पुरे करेगा उसका विवाह पहले किया जायेगा। भगवन कार्तिक अपने वाहन मोर मैं बैठकर ख़ुशी-खुशी संसार के चक्कर लगाने के लिए चल पड़े। गणेश जी इस बात से परेशान थे, की वो अपने वाहन चूहे से सात परिक्रमा कब तक पूर्ण करेंगे। माता पार्वती ने गणेश को शिव- पार्वती यानि की माता-पिता के सात परिक्रमा करने के लिए कहा। क्योकि शिव-पार्वती यानि की माता-पिता मैं ही सम्पूर्ण संसार समाहित है। इस प्रकार गणेश जी ने अपने माता-पिता के सात परिक्रमा पूर्ण कर के शर्त जीत गए। जब कार्तिक को माता पार्वती के इस छल के बारे मे पता चला तो भगवान कार्तिकेय ने अपना मांस एवं खून जो की माता का अंश समझा जाता है, माता पार्वती को सौंप दिया।तथा क्रोंच पर्वत पर शरीर की हड्डी के रूप मैं तपस्या के लिए आ गए थे ।
कैसे पहुंचे -
Nearest Railway Stations- 230 Km. Rishikesh (Uttrakhand)
Nearest Airport- 260 Km. Jolly Grant (Dehradun)
Nearest Bus Stations- Nagnath Pokhri / Rudraprayag
Nearest Taxi Stand- Kanak Chori
Nearest Railway Stations- 230 Km. Rishikesh (Uttrakhand)
Nearest Airport- 260 Km. Jolly Grant (Dehradun)
Nearest Bus Stations- Nagnath Pokhri / Rudraprayag
Nearest Taxi Stand- Kanak Chori
नजदीकी पर्यटन/धार्मिक स्थल -
Karnapryag, Rudraprayg
अन्य महवपूर्ण जानकारी -
कार्तिक स्वामी मंदिर श्रदालुओं के लिए वर्ष भर खुला रहता है। स्थानीय लोग ज्यादातर गर्मियो के मौसम मैं जाना पसंद करते है। यदि आपको बर्फ के शौकीन लोगो को जनवरी फरवरी के माह मैं जाना अच्छा रहेगा। यंहा 05 किलोमीटर की खड़ी चढाई है। इसके लिए आप पहले से तैयार रहे। सर्दियों के मौसम मैं गर्म कपडे एवं जूते अवश्य रखे। यंहा ट्रेकिंग के दौरान घने जंगल मैं पानी की बहुत बड़ी समस्या है। मौसम चाहे कोई भी हो साथमैं पानी की एक बोतल अवश्य रखें।
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