Mobile Radiation -Save You Mind & Generation

Mobile Radiation-

Mobiel radiation, Side effects
Mobile Rediation
मोबाइल फोन या स्मार्ट फ़ोन या एवं अन्य वायरलेस डिवाइस जोकि रेडिसन के कारण कार्य करती हैं उनका मानव स्वास्थ्य एवं मानव मस्तिक पर पड़ने वाला प्रभाव आज एक अध्ययन एवं शोध का विषय बन चुका है।
जैसा कि आप जानते हैं आज स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन हर किसी की आवश्यकता बन गई है बाजार में आए दिन कोई न कोई नई तकनीकी कोई ना कोई फोन से जुड़ी हुई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है तो हम एक तरफ मोबाइल फोन से जुड़ी हुई फायदे की बातें करते हैं तो दूसरी तरफ मोबाइल फोन रेडिएशन से होने वाले नुकसान को अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं और हमें फोन के रेडिएशन से होने वाले नुकसान नहीं दिखाई पड़ते हैं । जिस समय मोबाइल फोन की क्रांति की शुरुआत हो रही थी तो उसी समय से मोबाइल फोन के फायदे एवं नुकसान की बातें विश्व मंच पर खड़ी थी।

क्या है मोबाइल रेडिएशन?-

स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन रेडिएशन को गैर-आयनीकरण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। गैर- आयनीकरण रेडिएशन विभिन्न प्रकार के विद्युत चुम्बकीय रेडिएशन को दर्शाता है। अगर इसे आसान शब्दों में कहें, इसका अर्थ है कि गैर- आयनीकरण रेडिएशन द्वारा ऊर्जा को किसी अन्य रूप में छोड़ा जाता है। यह अणुओं को आयनित नहीं करता है जो अधिक हानिकारक रेडिएशन प्रभाव पैदा कर सकता है।


मोबाइल रेडिएशन का आपके दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है?-

 विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार -माइक्रोवेव भी मोबाइल फोन की तरह ही रेडिएशन को छोड़ते हैं। एक माइक्रोवेव से  आप जिस चीज़ को गर्म करना चाहते हैं, उसे उसके ऊपर रखते हैं। ऐसा ही कुछ मोबाइल फोन के साथ भी होता है। यानी आप मोबाइल फ़ोन के प्रयोग  के  समय गैर- आयनीकरण रेडिएशन से प्रभावित हो रहे होते हैं।  कई वैज्ञानिको के शोधों में ऐसा भी सामने आ चुका है कि अगर आप 30 मिनट तक निरंतर एक मोबाइल फोन को इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके दिमाग के सेल्स को प्रभावित कर सकता है। और अगर आप ऐसा निरन्तर  करते रहते हैं तो आपके दिमाग को भारी नुकसान हो सकता है। जिसकी वजह से दिमाग को लेकर कई समस्या उत्पन होती है। 


मोबाइल रेडिएशन से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी नुकसान -

 स्मार्ट फ़ोन या  मोबाइल फ़ोन रेडिएशन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले कहा था कि स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फ़ोन से होने वाले रेडिएशन से आपको किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। हालाँकि बाद में जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन को लेकर  बिंदु को बदलने के लिए 35 वैज्ञानिकों को दुनिया भर से इकट्ठा किया। इस शोध में लगभग 15 देश शामिल हुए थे। इसके बाद सामने आया कि जैसे एक घर में माइक्रोवेव से बड़े नुक्सान हो सकते हैं, वैसे ही एक मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से मनुष्य को कैंसर भी हो सकता है। अब तक, वैज्ञानिकों ने केवल दो प्रकार के कैंसर का निर्धारण किया है जो इन परिणामों से सीधे संबंधित होते हैं। और यह दो प्रकार के कैंसर Glioma और Acoustic Neuromas। दुनिया मोबाइल फोन रेडिएशन को लेकर क्या कहती है इसका मतलब है कि मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल आपके दिमागी सेल्स को तो प्रभावित करता ही है साथ ही आपको कैंसर से भी पीड़ित कर सकता है। 

मोबाइल रेडिएशन एक वैश्विक मुद्दा क्यों ?

 दुनियाभर के देशों की चर्चा करें तो इसे लेकर सभी सभी देशों में कुछ न कुछ डिबेट तो चलती ही रहती है। विश्वभर में स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल रेडिएशन को लेकर सभी चिंता में है लेकिन क्या यह बात जानकारी की मोबाइल फोंस से आपके दिमाग के सेल्स नष्ट होते हैं, साथ ही आप कैंसर से भी पीड़ित हो सकते हैं। क्या आप स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे? आज यह भी एक बड़ा सवाल है और इसका जवाब आजकल की पीढ़ी के पास तो मेरे खयाल में नहीं है। क्योंकि आज हम विश्व की चर्चा करें या भारत जैसे विकासशील देश की तो आपको बता दें कि सभी जगह युवा आज अपनेस्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन को ही सब मान बैठे हैं, जहां ऐसा माना जाता है कि अपने शरीर से कुछ दूरी पर स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना चाहिए, वहां आज हमारे युवा इसे अपने शरीर से लगा के रखते हैं। क्या इनके लिए मोबाइल की इस लत को छुटाना आसान होगा? यह तो एक बड़ी बहस का मुद्दा है। हालाँकि अगर आज के तकनीकी भरे युग की चर्चा करें तो इसमें तो कोई भी अपने मोबाइल फोन से पीछा छुड़ाना चाहेगा नहीं , क्योंकि एक मोबाइल फोन के माध्यम से ही वह दुनिया से जुड़ा हुआ है, जैसे ही उसने इसका साथ छोड़ा वह दुनिया से अलग हो जाएगा। हालाँकि भारत में इस मामले को लेकर अभी हाल ही में कुछ देखने में आया है। 

अभी हाल ही में भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री  संसद के एक सत्र के दौरान अपने मोबाइल साथ एक रिसीवर के साथ नजर आये।जिसका सीधा सा मतलब  है कि हानिकारक किरणों से बचाव के लिए उन्होंने अपने मोबाइल फोन में बैंगनी रंग का लैंडलाइन रिसिवर जोड़ा हुवा है । अब अगर इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं तो हमें भी सतर्क हो जाना चाहिए, अब जिस सवाल को मैं ऊपर भी उठा चुका हूँ, उसे एक बार फिर से आपके सामने रख रहा हूँ कि आखिर क्या आप अपने मोबाइल फोन को इस्तेमाल करना बंद कर देंगे? अब इस सवाल का जवाब जैसा कि मैंने पहले भी कह चुका हूँ कि इस समय देना या इस पीढ़ी के द्वारा मिलना बड़ा मुश्किल है। क्योंकि वह अपने फोन से उतना ही प्यार करते हैं जितना खुद से करते हैं। अब जब हम अपने फोन को इस्तेमाल करना बंद नहीं कर सकते हैं, और हम जानते हैं कि आखिर इससे हमें क्या दिक्कतें और परेशानी हो सकती है। तो हम कुछ उपाए कर सकते हैं, जिनसे इसके रेडिएशन से काफी हद तक हमारा बचाव हो सकता है। मोबाइल रेडिएशन से ऐसे आप अपना बचाव कर सकते हैं जहां हम इस बारे में चर्चा कर चुके हैं कि अगर आप अपने मोबाइल फोन को इस्तेमाल करना बंद नहीं कर सकते हैं, वहां आप कुछ आसान से उपायों को अपनाकर इसके माध्यम से होने वाले रेडिएशन को काफी हद तक कम कर सकते हैं। आइये जानते हैं उन आसान से उपायों के बारे में को आपको कहीं न कहीं काफी हद तक मोबाइल रेडिएशन से बचा सकते हैं।
हाल ही मैं एक पिक्चर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी।

मोबाइल रेडिएशन कम करने के उपाय -

 1. रेडिएशन प्रोटेक्टिव केस का इस्तेमाल:- आजकल मार्किट में बहुत से ऐसे रेडिएशन प्रोटेक्टिव केस मिल जायेंगे जो मोबाइल फोन से होने वाले डायरेक्ट प्रभाव को काफी हद तक कम कर देते हैं।  जिस से आप और अपने स्वास्थ्य को कुछ हद तक सही रख सकते हैं। 

2. मोबाइल फोन शरीर से दूर रखें-: स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फ़ोन के रेडिएशन से बचने के लिए आपको जितना हो सके अपने शरीर से दूर रखना। अपने फोन को दिल के करीब वाली जेब में कभी न रखें, इसके अलावा अगर आप इसे अपनी पेंट की जेब में रखते हैं, तो यह भी आपके लिए सही नहीं है। ऐसा करने से आप मोबाइल फोन से होने वाले रेडिएशन से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इसके लिए आप एक अलग से कैर्री बैग या छोटे साइज के मोबाइल वॉलेट का प्रयोग कर सकते हैं। 

 3.  लैंडलाइन का इस्तेमाल करें: अगर आप घर में या ऑफिस में हैं तो अपने मोबाइल फोन के स्थान पर लैंडलाइन का इस्तेमाल करें, इससे आप इसकी हानिकारक किरणों की चपेट में आने से बच सकते हैं। 
 4. फ़ोन को ऑफ करके रखें अपना फोन-: जिस समय मोबाइल फोन को इस्तेमाल नहीं करते  हैं तो फ़ोन को स्विच ऑफ करके रखे। खासकर रात में जब आप मोबाइल फोन बंद करके भी सो सकते हैं।
 5. स्पीकर  ऑन कर के करें बात: अगर आप मोबाइल फोन की डायरेक्ट रेडिएशन रे से बचाना चाहते हैं तो आप  स्पीकर ऑन कर के फ़ोन पर बातें कर सकते हैं।  जिस से आपका मोबाइल या स्मार्ट फ़ोन आपके शरीर से तो दूर रहेगा।
6. एंटी रेडिएशन चिप का प्रयोग - आजकल मार्किट मैं मोबाइल फ़ोन एंटी रेडेशन चिप भी उपलब्ध है।  आप यह चिप अपने फ़ोन पर लगाकर फ़ोन की SAR वैल्यू कम कर सकते हैं।  जिस से आपके स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल का रेडिऐशन कम  होने मे मदद करता है। 




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