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History Of Gopesehwar Chamoli

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चमोली  (Chamoli) और गोपेश्वर (Gopeshwar) इतिहास के अधिकांश भाग में पृथक कस्बे रहे हैं। चमोली अलकनंदा नदी के किनारे अपनी स्थिति के कारण बद्रीनाथ या त्रा का एक मुख्य पड़ाव था, जबकि गोपेश्वर नौवीं शताब्दी में निर्मित गोपीनाथ मंदिर के इर्द-गिर्द बसा एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल था। शेष गढ़वाल की तरह ही यहाँ भी प्राचीनकाल में कत्यूरी राजवंश का शासन था. जिनकी राजधानी पहले जोशीमठ और फिर कार्तिकेयपुर (बैजनाथ) में थी। 11th शताब्दी में कत्यूरी साम्राज्य का विघटन हो गया, जिसके बाद सारा गढ़वाल 52 छोटे-छोटे ‘गढ़ों’ में विभाजित हो गया था।  823 ई. में बद्रीनाथ मंदिर की यात्रा पर आये मालवा के राजकुमार कनकपाल ने चाँदपुर गढ़ी के मुखिया, राजा भानु प्रताप, की पुत्री से विवाह कर दहेज में गढ़ी का नेतृत्व प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने दूसरे गढ़ों पर आक्रमण कर अपने राज्य का विस्तार प्रारम्भ किया, और गढ़वाल राज्य की नींव रखी। धीरे-धीरे कनकपाल और उनकी आने वाली पीढ़ियाँ, जो परमार या पंवार वंश के नाम से विख्यात हुई, एक-एक कर सारे गढ़ जीत कर अपना राज्‍य बढ़ाती गयीं। इस तरह से सन्‌ 1358 तक सारा गढ़वाल क्षेत...

Diyari Shera Bugyal joshimath Chamoli Uttarakhand- Visiting Place

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Diyari Shera Bhugyal Chamoli (दियारी सेरा बुग्याल चमोली ) Diyari Shera Bugyal Joshimath देवभूमि उत्तराखंड में कई सुन्दर बुग्यालों से भरी पड़ी है।  उत्तराखंड के पर्वतीय इलाको में बड़े-बड़े घास एवं फूलों से भरे मैदान पर्यटकों को आकर्षित करते आ रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड के जनपद चमोली के जोशीमठ क्षेत्र में स्थित दियारी सेरा बुग्याल अपने आप में  प्रकर्तिक सौंदर्य छुपाये हुए है। दियारी सेरा बुग्याल का कोतुहल और ज्यादा बढ़  जाता है, जब यंहा पर्यटकों को बिना बीज बोये धान एवं मंडुवे की फसल उत्पादित होती है। यह करीब समद्र तल से 300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। रोमांच, कौतुहल और प्राकर्तिक सौन्दर्य से भरपूर इस बुग्याल की जानकारी के आभाव में यंहा बहुत कम पर्यटक  पहुंच पाते हैं। यह नौ किलोमीटर का घने जंगलो का रास्ता दियारी बुग्याल की ट्रैकिंग को और ज्यादा शानदार बना देता है।   इसके अतिरिक्त  बुग्याल में एक ताल भी  स्थित    है।  जिसे हनुमान ताल के नाम से जाना जाता है। साथ ही बुग्याल में भूमियाल देवता का मंदिर भी स्थित है।...

Kartik Swami Temple, Description Kartik Swami Trek Visiting

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कार्तिक स्वामी मंदिर  (Kartik Swami Temple)- Kartik Swami Temple प्रसिद्व हिन्दू मंदिर कार्तिक स्वामी उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जनपद मे क्रोंच पर्वत की चोटी पर स्थित है। यंहा पर भगवान कार्तिकेय का मंदिर स्थित है।  यह भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिक का पूजनीय स्थल है।  यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। भगवान शिव- पार्वती पुत्र व देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय का यह मंदिर उत्तर भारत का एक मात्र मंदिर है।  यंहा से चारो और चौखम्भा पर्वत श्रेणी के दर्शन होते है। रुद्रप्रयाग एवं चमोली जिले के 360 से अधिक गांव  ईष्ट देव के रूप मैं पूजे जाते हैं।  जगलो से होते हुए खड़ी चढ़ाई के बाद क्रोंच पर्वत मैं भगवान कार्तिक का स्थित सुन्दर मंदिर प्राकृतिक सुंदरता के लिए  विश्व प्रसिद्ध  है।  प्रतिवर्ष माह जून (अषाढ़ माह ) मे बहुत विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाता है।  जिसमे दूर-दूर से श्रदालु शामिल होते हैं। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर यंहा देव दीपावली पर्व मानया जाता है।   Locatio...

Madhmaheshwar Temple - Description of Second Kedar Track

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Madmaheshwar Temple ( मद्महेश्वर मंदिर )- Madhmaheshwar Temple  MadMaheshwar Temple पांच केदार मैं द्वितीय केदार के नाम से भी जाना जाता है यहां पर भगवान शिव के नाभि की पूजा होती है यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह मंदिर चौखम्बा शिकार पर 3298 मीटर की उंचाई पर स्थित है। मद्महेश्वर नाथ का मंदिर केदारनाथ के मंदिर के सामान छत्र-शैली मैं बड़े-बड़े पत्थरो को तराशकर बनाया गया है। उत्तर भारत की पांडव शैली निर्मित इस शिव मंदिर के आसपास वर्षा ऋतू मैं ब्रम्ह कमल खिलते है। यह शानदार ट्रैक घने जंगलो से होते हुए एवं  मधु गंगा के बांयी और यह अत्यंत सुन्दर है। मंदिर बुग्याल के बीच मैं समतल मैदान पर स्थित है। मंदिर के प्रांगड़ मैं देवी सरस्वती, पंच पांडव, अर्धनारीश्वर की मूर्तियां स्थित है।   लोकमान्यता - लोक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर पांडवो के दूसरे भाई भीम के द्वारा बनाया गया है। .....Update soon Location of Madhmaheshwar Temple-  Google Map: -       Click Here State:-    ...

Bhavishya Badri - The Future Badrinath Dham, Visiting Place in Joshimath, Chamoli

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भविष्य बद्री (Bhavishya Badri)- Bhavidhya Badri भविष्य बदरी (Bavishya Badri) उत्तराखंड के जनपद चमोली मे स्थित है।  यह प्रसिद्व मंदिर जोशीमठ नामक स्थान से 18 किलोमीटर की दुरी पर नीति मलारी रोड की ओर सुभाई गांव मे स्तिथ है। इस मंदिर मैं भगवान के आधे आकृति की मूर्ति की पूजा होती है।  भविष्य बद्री पंच बद्री मैं एक बद्री हैं।  यह शानदार ट्रैक देवदार के  जंगलो के बीच  होते हुए, सफ़ेद पानी वाली नदी  धौलीगंगा के किनारे अत्यंत रोमांचकारी  है। भविष्य बद्री जाने का बेस्ट टाइम मार्च अप्रैल से अक्टूबर नवम्बर तक है। लोक मान्यता - कहा जाता है, की घोर कलयुग के आने पर बद्रीनाथ भगवान जो की बद्री विशाल लुप्त हो जायेंगे। एवं बद्रीनाथ मार्ग पर स्तिथ नर-नारायण पर्वत आपस मैं जुड़ जायेंगे, और बद्रीनाथ का रास्ता बंद हो जायेगा।  तब यह मूर्ति पूर्ण हो जाएगी। और भविष्य बद्री ही बद्री विशाल के रूप मैं पूजे जायेगें।  एक और लोक्मन्यात के अनुसार- भगवान विष्णु तिब्बत मैं निवास करते थे।  जंहा पर मीट मांस और शराब के सेवन के कारण वह स्थ...

Mobile Radiation -Save You Mind & Generation

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Mobile Radiation- Mobile Rediation मोबाइल फोन या स्मार्ट फ़ोन या एवं अन्य वायरलेस डिवाइस जोकि रेडिसन के कारण कार्य करती हैं उनका मानव स्वास्थ्य एवं मानव मस्तिक पर पड़ने वाला प्रभाव आज एक अध्ययन एवं शोध का विषय बन चुका है। जैसा कि आप जानते हैं आज स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन हर किसी की आवश्यकता बन गई है बाजार में आए दिन कोई न कोई नई तकनीकी कोई ना कोई फोन से जुड़ी हुई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है तो हम एक तरफ मोबाइल फोन से जुड़ी हुई फायदे की बातें करते हैं तो दूसरी तरफ मोबाइल फोन रेडिएशन से होने वाले नुकसान को अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं और हमें फोन के रेडिएशन से होने वाले नुकसान नहीं दिखाई पड़ते हैं । जिस समय मोबाइल फोन की क्रांति की शुरुआत हो रही थी तो उसी समय से मोबाइल फोन के फायदे एवं नुकसान की बातें विश्व मंच पर खड़ी थी। क्या है मोबाइल रेडिएशन?- स्मार्ट फ़ोन या मोबाइल फोन रेडिएशन को गैर-आयनीकरण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। गैर- आयनीकरण रेडिएशन विभिन्न प्रकार के विद्युत चुम्बकीय रेडिएशन को दर्शाता है। अगर इसे आसान शब्दों में कहें, इसका अर्थ है कि गैर- आयनीकरण रेडिएशन...

गुनगुने पानी के फायदे

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दोस्तों गर्म पानी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है, सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी कई रोगों से छुटकारा मिलता है। साथ ही हमें स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे देता है। तो आइए इस पोस्ट में गुनगुने पानी के कुछ महत्वपूर्ण फायदे जाने- गुनगुने पानी पीने से हमारा मोटापे की समस्या दूर होती है। जिससे कि कोलेस्ट्रॉल संबंधी एवं हार्ट (ह्रदय) संबंधी बीमारियां से छुटकारा मिलता है।  गुनगुना पानी पीने से पेट साफ रहता है और पाचन संबंधी रोगों  (कब्ज , गैस , पेट का भारीपन आदि ) से छुटकारा मिलता है। पाचन क्रिया अच्छी हो जाती है महिलाओं में पीरियड के दौरान उन्होंने पानी पीने से दर्द में राहत मिलता है। साथ ही अनेक प्रकार के दर्दों में जैसे पेट दर्द,  सर दर्द, बदन दर्द, में  गर्म पानी काफी फायदेमंद होता है।   गुनगुना पानी पानी हमारा ब्लड सरकुलेशन सही करता है। हमारे शरीर का 70% हिस्सा पानी से बना रहता है,  इसलिए गुनगुने पानी पीने से हमारे त्वचा में ठंडे पानी के बजाय ज्यादा ग्लो रहता है, त्वचा में रूखापन खत्म हो जाता है।  गुनगुन...